![]() |
लघुसिद्धान्तकौमुदी |
अभ्यास
अब आपका संज्ञा प्रकरण पूर्ण हुआ | संज्ञा प्रकरण पूर्ण रूपेण शब्दतः और अर्थतः कंठस्थ हो जाए तभी आगे के प्रकरण पढ़ने के अधिकारी हो सकते हैं | अन्यथा आगे पढ़ना कठिन हो जाएगा | जैसे मकान बनाने वाले से कह दिया जाए कि जमीन से ऊपर एक हाथ छोड़ कर तब ईंट लगाओ तो खाली जगह छोड़कर एक हाथ ऊपर कैसे ईंटें लग सकती है ? ठीक इसी प्रकार व्याकरण रूपी मकान खड़ा करने के लिए सारे सूत्र, अर्थ, साधनी, स्थान, प्रयत्न, प्रत्याहार, संज्ञा, आदेश, आगम रुपी ईंटें तैयार हों और उन्हें क्रमशः बुद्धि एवं मस्तिष्क रूपी भूखंड के ऊपर बैठाते जाना होगा।
एक बात और भी ध्यान में रखें कि पाणिनि जी के लगभग 4000 सूत्रों एवं कात्यायन जी के वार्तिकों से ही कौमुदी आदि ग्रंथ बनाए गए हैं | यदि आप अष्टाध्यायी के सभी सूत्रों को कणठस्थ कर लेते हैं तो व्याकरण का संपूर्ण ज्ञान करने में बड़ी सुविधा होगी | उन्हें कंठस्थ करने का सरल उपाय है प्रतिदिन अष्टाध्यायी का पारायण अर्थात् पाठ करना | जिस तरह से हम प्रतिदिन अपने नित्यकर्म में अपने आराध्यदेव की स्तुति का नित्य पाठ करते हैं उसी तरह जब तक कंठस्थ न हो जाए तब तक अष्टाध्यायी के एक अध्याय के हिसाब से प्रतिदिन पारायण करें | पहले माह में प्रथम अध्याय, दूसरे माह में दूसरा अध्याय, इसी क्रम से आठ माहों में आठों अध्यायों का पारायण हो जाएगा | मेधावी छात्र को इस तरह से 8 माह में पूरी अष्टाध्यायी कंठस्थ हो जाएगी और जिनको देर से कंठस्थ होता है, उन्हें अगली आवृत्ति अर्थात 16 माहों में कंठस्थ हो जाएगी | अतः अब अष्टाध्यायी का पारायण इस परीक्षा के बाद अनिवार्यतया प्रारंभ कर दें।
निम्नलिखित प्रश्नावली छात्र अपनी लेखन पुस्तिका में उतारें, अच्छी तरह से मिला लें और 2 दिन के लिए पुस्तक को कपड़े में बांधकर रखें और उनकी पूजा करें | इन प्रश्नों का उत्तर लिखने का समय 5 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए | दो सत्र में पूरा करें और एक ही दिन में ही करें | दूसरे दिन सभी छात्र बैठकर तीन-तीन घंटे आपस में संवाद करें | जो आपको आता है, वह तो ठीक है और जो आपको नहीं आता, उसे गुरुजी से पूछने में संकोच न करें | कमजोर साथी को सिखा कर अपने साथ चलने में सहयोग दें | ध्यान रहे कि दूसरों को देने पर ही विद्या बढ़ती है | एक तो आपका ज्ञान बढ़ता है और दूसरा दूसरों का उपकार होता है | कभी अपने ज्ञान पर घमंड न करें | पढ़े हुए विषय को विस्मृत होने (भूलने) से बचाने के लिए प्रतिदिन एक घंटा आवृत्ति अवश्य करें (दोहरायें) | अपने गुरु जी का सम्मान करें, उन्हें प्रणाम करें | ध्यान रखें कि प्रणाम का फल आशीर्वाद ही है और गुरु के बिना पूर्ण ज्ञान नहीं होता | पुस्तक तो सहयोगी मात्र है।
अब आपके अभ्यास के लिए 50 प्रश्न रखे गए हैं | प्रत्येक प्रश्न के सही उत्तर के लिए एक अंक मिलेंगे | आपको तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण होने के लिए 35 से 40 अंक, द्वितीय श्रेणी के लिए 40 से 45 अंक, और प्रथम श्रेणी के लिए 45 से 50 अंक प्राप्त करने होंगे।
परीक्षार्थी प्रश्नावली
1- माहेश्वर सूत्रों की संख्या कितनी है ?
2- माहेश्वर सूत्रों में अचों को कितने सूत्रों से और हलों को कितने सूत्रों से दर्शाया गया है ?
3- हयवर आदि का अकार हल् प्रत्याहार में क्यों नहीं आता ?
4- चतुर्दशसूत्रों का क्या प्रयोजन है ?
5- इत्संज्ञा का क्या फल है ?
6- हलन्त्यम् सूत्र क्या काम करता है ?
7- अदर्शन का क्या अर्थ है ?
8- अण्, अच्, हल् आदि प्रत्याहार संज्ञा करने वाला सूत्र कौन है ?
9- व्याकरण में कितने प्रत्याहारों का व्यवहार किया गया है ?
10- किन्ही 10 प्रत्याहारों के वर्णों को प्रत्याहार के क्रम से लिखिए ?
11- दीर्घ संज्ञा का विधान करने वाला सूत्र बताइए ?
12- हल् वर्णों की ह्रस्व, दीर्घ एवं प्लुत संज्ञायें क्यों नहीं होती हैं ?
13- समाहार किसे कहते हैं ?
14- किन-किन अचों के 12 भेद और किन-किन अचों के 18 भेद होते हैं ?
15- एचों के 12 भेद ही क्यों हैं ?
16- किस अच् का दीर्घ नहीं होता और किस अच् का ह्रस्व नहीं होता ?
17- अननुनासिक किसे कहते हैं ?
18- स्थान और प्रयत्न क्या हैं ?
19- ब्, ह्, य्, ठ्, घ्, अ, ऋ, श्, भ्, ञ्, ग्, औ, ऐ इनका स्थान बताइए ?
20- ब् और ग् की सवर्णसंज्ञा क्यों नहीं होती ?
21- सवर्णसंज्ञा करने वाला सूत्र बताइए ?
22- ऋलृवर्णयोर्मिथः सावर्ण्यं वाच्यम् वार्तिक की क्यों आवश्यकता पड़ी ?
23- यदि आदिरन्त्येन सहेता यह सूत्र न हो तो क्या हानि है ?
24- पाणिनि जी ने कौन सा ग्रंथ बनाया ?
25- व्याकरण-महाभाष्य नामक ग्रंथ किसने बनाया है ?
26- उपदेश किसे कहते हैं ?
27- आभ्यन्तर और वाह्य पयत्नों के भेद बताइए ?
28- संज्ञा प्रकरण के सूत्र अष्टाध्यायी के किस अध्याय के हैं ?
29- वर्ग से सभी पाॅंचवें अक्षर लिखिए ?
30- सूत्र कितने प्रकार के होते हैं, उदाहरण सहित बताइए ?
31- लघुसिद्धांतकौमुदी, मध्यसिद्धांतकौमुदी और वैयाकरणसिद्धांतकौमुदी के रचयिता कौन हैं ?
32- व्याकरण के त्रिमुनि कौन-कौन हैं ?
33- स्पर्शसंज्ञक वर्णों को क्रमशः लिखिए ?
34- पाणिनीयाष्टाध्यायी में लगभग कितने सूत्र हैं ?
35- संयोगसंज्ञा क्या है, सूत्र सहित लिखिए ?
36- सुबन्त और तिङन्त किसे कहते हैं ?
37- संधि करने के पहले कौन सी संज्ञा होती है ?
38- ब् किस वर्ग में आता है ?
39- ऊष्मसंज्ञा किन वर्णों की होती है ?
40- उपदेशेऽजनुनासिक इत् यह सूत्र किन किन वर्णों की इत्संज्ञा करता है ?
41- शिवसूत्रों में कौन कौन से वर्ण दो-दो बार आए हैं ?
42- लघुसिद्धांतकौमुदी के संज्ञाप्रकरण में कितने सूत्र और वार्तिक हैं ?
43- अणुदित्सवर्णस्य चाप्रत्ययः इस सूत्र की आवश्यकता संक्षेप में समझाइए ?
44- विसर्ग कितने होते हैं ? विवरण सहित बताइए।
45- मंगलपद्य का समास-विग्रह बताइए ?
46- गु इस वर्णसमुदाय में हल् क्या है और अच् क्या ?
47- सूत्र के साथ लिखे गए तीन प्रकार के अंक क्या बताते हैं ?
48- य्, व्, ल् इनके कितने कितने भेद हैं ?
49- संयोगसंज्ञा के लिए हलों में किन अक्षरों का व्यवधान नहीं होना चाहिए ?
50- तुल्यास्यप्रयत्नं सवर्णम् इस सूत्र का हिंदी में अर्थ बताइए ?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
कृपया सुझाव या टिपण्णी में मर्यादा का ध्यान रखें