लघुसिद्धान्तकौमुदी अभ्यास अब आपका संज्ञा प्रकरण पूर्ण हुआ | संज्ञा प्रकरण पूर्ण रूपेण शब्दतः और अर्थतः कंठस्थ हो जाए तभी आगे के प्रकरण पढ़ने के अधिकारी हो सकते हैं | अन्यथा आगे पढ़ना कठिन हो जाएगा | जैसे मकान बनाने वाले से कह दिया जाए कि जमीन से ऊपर एक हाथ छोड़ कर तब ईंट लगाओ तो खाली जगह छोड़कर एक हाथ ऊपर कैसे ईंटें लग सकती है ? ठीक इसी प्रकार व्याकरण रूपी मकान खड़ा करने के लिए सारे सूत्र , अर्थ , साधनी , स्थान , प्रयत्न , प्रत्याहार , संज्ञा , आदेश , आगम रुपी ईंटें तैयार हों और उन्हें क्रमशः बुद्धि एवं मस्तिष्क रूपी भूखंड के ऊपर बैठाते जाना होगा।